Fevicol Success Story: चपरासी के इस गजब के marketing strategy के चलते Fevicol बनी…😲

Fevicol Company Biography & Marketing Strategy In Hindi. 


भारत में कई सारी कंपनिया है, जिन्हें हम प्रोडक्ट की quality और उनके ब्रांड की वजह से जानते हैं। लेकिन हमारे बीच एक ऐसी कंपनी भी है, जो मार्केट में आते ही तहलका मचा दिया।  ऐसी बहुत ही कम कंपनियाँ हैं। जो प्रोडक्ट की quality और अपने मार्केटिंग कैम्पेन की वजह से इतनी फेमस हुई।  और इस कंपनी को हम 'Fevicol' (Fevicol Success Story & Marketing strategy in hindi) के नाम से जानते है।

    हम जिस फेविकॉल को जानते है ओ सिर्फ एक प्रॉडक्ट है, और फेविकॉल के कंपनी का नाम पिडीलाइट (Pidilite) है। जिसे आज भारत के हर घर मे जाना जाता है। Pidilite कंपनी कैसे सफल हुई?  Fevicol के मालिक कौन हैं? फेविकॉल की क्या मार्केटिंग strategies थी? इन सभी बातों का जवाब आपको इस लेख में मिलेगा.


    Fevicol Company Biography in Hindi :-


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    ). Fevicol कंपनी के मालिक कौन है? | Owner of Fevicol Company?

    School से बच्चों से लेकर बड़े बड़े कारपेंटर्स तक हरकोई Fevicol का इस्तेमाल करता है। मगर क्या आपको पता है कि Fevicol का मालिक कौन है। Fevicol को बनाने वाली "Pidilite" कंपनी की शुरुवात गुजरात के सफल बिजनेसमेन बलवंत पारेख जी ने की। जिन्होंने कम इन्वेस्टमेंट में करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी।



    2). बलवंत पारेख इनका करियर | Balwant Parekh's career |


    बलवंत पारेख कॉलेज में जब वकालत की पढ़ाई कर रहे थे तब उनकी शादी कांताबेन से हो गई। जिस वजह से उनके कंधों पर पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ पड़ गया। अब पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्होने कुछ समय प्रिंटिंग प्रेस इस बिजनेस में काम किया। जिसके बाद वे एक लकड़ी के कारखाने में चपरासी की नौकरी पर लग गए। कुछ साल वहाँ नौकरी करने से उनको जर्मनी जाने का मौका मिल गया। जहाँ पर उन्होंने  बिजनेस के बारे में काफी सारी बातों को सिखा।



    3). भारत में Fevicol की शुरुआत कैसे हुई? |  How Fevicol Started in India? |


    बलवंत पारेख ना तो फेविकोल के बिजनेस के बारे  जानते थे। ना ही उनको फेविकॉल के बारे में कुछ पता था। जब हमारा देश आझाद हुआ तब बलवंत पारेख जी ने देखा कि, हमारा भारत देश बहुत सारी चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। इसी बात को ध्यान में रखकर बलवंत पारेख बिजनेस में अपना हाथ आजमाने के बारे में सोचा.


    क्योंकि जब उन्होंने अपने जीवन मे पहला बिजनेस स्थापित किया था। तब वे पश्चिमी देशों से एक्सट्रा नट, पेपर डाइ, साइकिल जैसी चीजे मंगवाकर भारत में बेचते थे. जिससे उनको बहुत ही मुनाफा होता था। (Fevicol 'Pidilite' Company Biography In Hindi.)



    एक दिन बलवंतजी अपने पुराने दिनों के बारे में सोच रहे थे, जब वे लकड़ी के कारखाने में चपरासी का काम किया करते थे। उस समय उनको याद आया कि, लकड़ी के कारखाने में कारागिर चर्बी वाली गोंद से, लकड़ी को जोड़ने का किया करते है। जो काफी बदबूदार भी होता है और उससे लकड़ी को जोड़ने में काफी समय भी लगता है। इसी समस्या को हल करने के लिए बलवंत पारेख ने एक ऐसा रसायन बनाने के बारे में सोचा, जिससे लकड़ी आसानी से चिपक जाए साथ ही बदबू भी न आए और ज्यादा देर भी ना लगे।


    अब इसी गोंद के ऊपर बहुत सारी रिसर्च के बाद बलवंत पारेख को एक ऐसा तरीका मिल गया जिससे लकड़ी आसानी से चिपकती थी। जिसके बाद बलवंत पारेख अपने भाई सुनील पारेख के साथ मिलकर, साल 1959 में पिडिलाइट (Pidilite) इस कंपनी की स्थापना की।



    4). कैसे बना फेविकोल नाम? | Fevicol History in Hindi |


    बदबूदार गोंद को खुशबूदार गोंद बनाकर Pidilite कंपनी के owner ने इसे ‘फेविकोल’  (Fevicol) नाम दे दिया। फेविकोल जैसे ही मार्केट में आया देखते ही पूरे मार्केट पर राज करने लगा, क्योंकि फेविकॉल ने लोगों कि सबसे बड़ी समस्या को हल किया था।  फेविकोल नाम रखने के पीछे  एक दिलचस्प कहानी है. (Fevicol Company Biography In Hindi.)


    जब बलवंत पारेख जर्मनी देश मे अपना काम कर रहे थे तब उन्होने देखा कि वहाँ एक गोंद की कंपनी हुआ है। उस कंपनी नाम मोवीकोल था।  जर्मनी में कोल का मतलब ( दो चीजों को जोड़ना ) ऐसा होता है।  इसी से प्रेरित होकर कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट का नाम फेविकोल रख दिया। इस तरह से एक गोंद फेविकोल बन गयी।



    Fevicol Company Business Marketing Strategies In Hindi :-



    1). Fevicol Logo Strategy in Hindi | फेविकॉल लोगो स्ट्रेटेजी :-


    फेविकॉल ने अपने प्रोडक्ट पॉवरफुल दिखाने के लिये Logo की इस तरह से  Branding की।


    पिडिलाइट की स्थापना के तुरंत बाद, कंपनी ने अपना लोगो डिजाइन करने के लिए एक प्रमुख advertising एजेंसी "Ogilvy & Mather" से संपर्क किया।  एजेंसी द्वारा लागू की गई, फेविकोल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने एक प्रदर्शन में, ब्रांड की ताकत का प्रदर्शन किया।  



    लोगो में दो हाथी, फेविकोल से चिपके हुए इस फर्निचर को अलग करने की कोशिश करते हुए  दिख रहे हैं।  उनकी पृष्ठभूमि में उगता सूरज ब्रांड की ताजगी और बाजार में लोकप्रियता के लिए एक प्रतीक है। 

    Fevicol का लोगो,  इस प्रकार Fevicol के मजबूत बंधन का प्रतिनिधित्व करता है, जो एक ब्रांड टैगलाइन भी है। जिसे कंपनी अक्सर अपनी Fevicol अपने Marketing Strategies में उपयोग करती है। (Fevicol Company Business Marketing Strategies In Hindi)


    2). Most Powerful Business Strategy of Fevicol Company in Hindi :-


    Pidilite Company ने मार्केट के गोंद (Glue) और  सीलेंट के सभी brands को यातो खरीद लिया, नही तो अपना बना लिया। जिससे कंपनी ने मार्केट के सभी कॉम्पिटिटर्स को ही ख़तम कर दिया।


    फेविकॉल आज बाजार में  5 रु. से 50 किलो तक के डिब्बे बेचता है। जिस वजह से कंपनी स्कूल के बच्चों से कारपेंटर्स तक सभी को अपना कस्टमर बना लिया। इसके अलावा, फेविकोल ने कभी भी अपने प्रोडक्ट की कीमतों में अचानक वृद्धि नहीं की है, जिससे कंपनी को,  कस्टमर का ब्रांड में गहरा विश्वास, बनाने में मदद मिली है।  


    साथ इन प्रोडक्ट की कॉस्ट फीस काफी हद तक पेट्रोलियम और अन्य संसाधनों की उतार-चढ़ाव वाली बाजार दर पर निर्भर करती है, पिडिलाइट कंपनी के लिए यह एक कठिन नट रहा होगा।




    3). Fevicol Direct Selling Strategy in Hindi :-


    भारत मे सीलेंट और glue को प्रतिस्पर्धी माना जाता है। स्वाभाविक रूप से, पिडिलाइट ने सभी प्रतिस्पर्धी को अपना बना लिया था। अब इन्हें मार्केट में उतारने के लिए कंपनी Direct Selling Strategy का इस्तेमाल करती है। (Fevicol Company Business Marketing Strategies In Hindi)



    कंपनी ने एक रिसर्च में पाया कि, चिपकाने का सबसे ज्यादा काम तो कारपेंटर्स का होता है। क्योंकि की एक छोटी सी वस्तू से लेकर एक बड़ी से बड़ी चीज़ चिपकाने का काम एक कारपेंटर ही करता है। और साथ ही कंपनी को यह पता चला कि इस फील्ड के 85% डिसीजन मेकर  कारपेंटर ही है।


    जिस वहज से कंपनी ने कारपेंटर्स को फेविकॉल के फायदे बताने के लिए पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, सड़क की दीवार विज्ञापनों और T.V. ads आदि. का इस्तेमाल किया।


    कंपनी ने सबसे पहले कारपेंटर्स के दिल मे अपनी जगह बना ली, जिससे प्रोडक्ट की मांग आसमान छूने लगी।




    4). Fevicol Influencer Marketing in Hindi :-


    कंपनी ने मार्किट में ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रही थी, जो अपने मुंह से अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करता हो। जोकि कंपनी पहले ही तलाश कर लिया था जो थे कारपेंटर्स। 


    क्योंकी कंपनी को पता था कि प्रोडक्ट का सबसे ज्यादा use कारपेंटर्स ही करता है। अगर कारपेंटर्स को यह प्रोडक्ट दिल  को छू गया तो, ओ अपने आप ही फेविकॉल की मार्केटिंग करने लग जायेगा। और कंपनी की यह strategy बहुत ही तेजी से सफल हुई। (Fevicol Company Business Marketing Strategies In Hindi)



    Conclusion :- 


    Pedilite कंपनी ऐसे ही मार्केटिंग से कस्टमर के दिल जगह बना ली। जिस वजह से आज हम जिस भी शॉप पर जाते है, तब हम ग्लू (glue) की जगह फेविकॉल की मांग करते है।


    हम ऐसी ही कंपनीज की मार्केटिंग strategies के उपर पोस्ट लिखते, ताकि आपको अपने बिज़नेस में इन strategies का इस्तेमाल हो सके।









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